सिविल व्यवहार प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) 1908 का संक्षिप्त इतिहास एवं विकास

सिविल व्यवहार प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) 1908 का संक्षिप्त इतिहास एवं विकास

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में व्यवहार प्रक्रिया संहिता (सीपीसी) 1908 का संक्षिप्त इतिहास एवं विकास, सिविल प्रक्रिया संहिता की मुख्य विशेषताएं एंव सीपीसी के उद्देश्य तथा सीपीसी की योजना एवं क्षेत्र को आसान…

अपराधशास्त्र की विचारधारा क्या है | What is the Ideology of Criminology

अपराधशास्त्र की विचारधारा क्या है | What is the Ideology of Criminology

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में हम अपराधशास्त्र की विचारधारा के बारें में बताया गया है जो कि अपराधशास्त्र एंव प्रतियोगिता परीक्षा का एक प्रमुख भाग है| अपराधशास्त्र की विचारधारा क्या है, यह कितने…

प्रत्यायोजित विधायन की परिभाषा, सीमाएं एंव भारत में विकास के मुख्य तत्व (कारण) – प्रशासनिक विधि

प्रत्यायोजित विधायन की परिभाषा, सीमाएं एंव भारत में विकास के मुख्य तत्व (कारण) – प्रशासनिक विधि

इस लेख में प्रशासनिक विधि के अधीन प्रत्यायोजित विधायन किसे कहते है, इसकी परिभाषा, what is delegated legislation प्रत्यायोजित विधायन की सीमाएं और भारत में प्रत्यायोजित विधायन के विकास में…

अस्थायी निषेधाज्ञा कब जारी की जा सकती है | संहिता के आदेश 39 के तहत प्रावधान

अस्थायी निषेधाज्ञा कब जारी की जा सकती है | संहिता के आदेश 39 के तहत प्रावधान

नमस्कार दोस्तों, इस लेख में सीपीसी के तहत कब और किन शर्तों पर अस्थायी निषेधाज्ञा जारी किया जा सकता है, सिविल न्यायालय द्वारा अस्थायी व्यादेश स्वीकृत किये जाने के सिद्धान्तों की विवेचना…

धारा 6 : रेस जेस्टे का सिद्वान्त या एक ही संव्यवहार के भाग होने वाले तथ्य | साक्ष्य विधि

धारा 6 : रेस जेस्टे का सिद्वान्त या एक ही संव्यवहार के भाग होने वाले तथ्य | साक्ष्य विधि

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में धारा 6 : तथ्य जो एक ही संव्यवहार के भाग है अथवा रेस जेस्टे का सिद्वान्त के बारें में जानेगें जो साक्ष्य विधि का अत्यंत महत्वपूर्ण…

धारा 4 | उपधारणा क्या है, अर्थ, परिभाषा एंव इसके प्रकार | Presumption in hindi

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 4 : उपधारणा (Presumption) का उल्लेख किया गया है, इसके साथ ही धारा 4 के तहत उपधारणा कर सकेगा, उपधारणा करेगा एवं निश्चायक सबूत से क्या तात्पर्य है…

मृत्युकालिक कथन किसे कहते है और यह किन परिस्थितियों में साक्ष्य अधिनियम में ग्राह्य है?

मृत्युकालिक कथन किसे कहते है और यह किन परिस्थितियों में साक्ष्य अधिनियम में ग्राह्य है?

इस लेख में हम बात करेंगे साक्ष्य अधिनियम की धारा 32 (1)  में वर्णित मृत्युकालिक कथन (Dying Declaration) की, जिसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अध्याय 2 (तथ्यों की सुसंगति के विषय…

ऋजु विचारण (Fair Trial) से आप क्या समझते है? CPC 1908 in hindi

ऋजु विचारण (Fair Trial) से आप क्या समझते है? CPC 1908 in hindi

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत ऋजु विचारण (फेयर ट्रायल/fair trial) क्या है एंव ऋजु विचारण (फेयर ट्रायल) को आपराधिक विधिशास्त्र की आत्मा क्यों कहा जाता है…