नमस्कार दोस्तों, इस लेख में व्यक्ति किसे कहते है, व्यक्ति शब्द का अर्थ, परिभाषा एंव व्यक्ति कितने प्रकार के होते है का उल्लेख किया गया है| यह आलेख विधि के छात्रो एंव आमजन के लिए काफी उपयोगी है|
व्यक्ति किसे कहते है
शब्दकोष.कॉम के अनुसार – व्यक्ति एक ऐसा प्राणी है जिसके पास कुछ क्षमताएँ या विशेषताएँ हैं जैसे कि तर्क, सदाचार, चेतना या आत्म-चेतना, और सांस्कृतिक रूप से स्थापित सामाजिक सम्बन्ध जैसे समानता, सम्पत्ति का स्वामित्व, या वैधानिक दायित्व का भाग होना।
व्यक्तित्व की परिभाषित विशेषताएँ और, फलस्वरूप, जो एक व्यक्ति को एक व्यक्ति के रूप में गिनता है, संस्कृतियों और सन्दर्भों में व्यापक रूप से भिन्न होता है।
व्यक्ति शब्द का अर्थ
शब्द ‘व्यक्ति’ आंग्ल भाषा के शब्द Person का हिन्दी रूपान्तरण है। ‘पर्सन’ शब्द लैटिन भाषा के ‘Persona’ शब्द से बना है। पर्साना शब्द भी यूनानी भाषा के शब्द ‘प्रोसोपोन’ शब्द का पर्यायवाची है।
प्रोसोपोन से अभिप्राय ऐसे मुखौटों से था जिनका उपयोग नाटक के पात्रों द्वारा नायक, खलनायक, देवता आदि के लिए किया जाता था। धीरे-धीरे इस शब्द का प्रयोग विधिक कार्यवाहियों में पक्षकारों के लिए किया जाने लगा।
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व्यक्ति की परिभाषा (Definition of person)
सॉमण्ड के अनुसार – विधिक दृष्टि से “व्यक्ति से आशय ऐसे प्राणी से है जिसे विधि के अन्तर्गत अधिकार या कर्त्तव्य धारण करने योग्य समझा जाता है।” इस प्रकार स्पष्ट है कि जो प्राणी अधिकार एवं कर्त्तव्य धारण करने की क्षमता रखता है, उसे विधि के अन्तर्गत ‘व्यक्ति’ कहा जाता है चाहे वह मनुष्य नहीं हो।”
ऑस्टिन के अनुसार — “अवस्था अथवा प्रास्थिति से निहित मनुष्य ही विधिक दृष्टि से व्यक्ति कहलाता है।” इस परिभाषा से व्यक्ति से आशय ऐसे मनुष्य से है जो अधिकारों से युक्त एवं कर्त्तव्यों के अधीन हो और जो मनुष्य अधिकार नहीं रखते है उन्हें व्यक्ति नहीं कहा जाकर वस्तु कहा जाता है।
पैटन (Paton) के अनुसार – “व्यक्तित्त्व एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा कुछ ऐसी इकाइयों की रचना होती है जिसमें अधिकार निहित किये जा सके।”
प्रो. ग्रे (Prof. Gray) के के अनुसार – “व्यक्ति एक ऐसा अस्तित्त्व है जिस पर अधिकार एवं कर्त्तव्य अधिरोपित किये जा सकते हैं।”
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व्यक्ति के प्रकार
हमारे दिमाग में अनेक बार यह प्रश्न उठता है कि, व्यक्ति कितने तरह के होते है, इस सम्बन्ध में विधि के अन्तर्गत व्यक्ति दो प्रकार के माने गए है
(i) प्राकृतिक व्यक्ति (Natural person)
प्राकृतिक व्यक्ति से आशय – ऐसे जीवित प्राणी से हे जिसमें कुछ अधिकार निहित होते हैं तथा जिस पर कुछ कर्त्तव्य लागू किये जा सकते हैं। प्राकृतिक व्यक्ति के लिए दो बातें आवश्यक मानी गई है —
(क) उसका जीवित पैदा होना
(ख) उसकी प्रास्थिति को मान्यता प्राप्त होना।
(ii) कृत्रिम व्यक्ति (artificial person)
कृत्रिम व्यक्ति से आशय – ऐसे निर्जीव अस्तित्त्वों (Nonliving entitics) से है जो जीवित प्राणी नहीं होते हुए भी व्यक्ति माने जाते हैं। ऐसे व्यक्ति को विधिक व्यक्ति (legal person) भी कहा जाता है।
प्राचीन रोमन विधि में सुखाचार के अधिकार से सम्बंधित अधिभावी दाय तथा अधिसेवी दाय की भूमियों को विधिक व्यक्ति माना गया था यह दीगर है की भूमि निर्जीव वस्तु होती है|
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