क्या विधिशास्त्र, सुस्पष्ट विधि का दर्शन है। ऑस्टिन की व्याख्या | philosophy of Positive Law
इस आलेख में जॉन ऑस्टिन ने विधिशास्त्र को सुस्पष्ट विधि का दर्शन क्यों एंव किसलिए कहा है, की व्याख्या की गई है, जिसमे सुस्पष्ट विधि का …
इस आलेख में जॉन ऑस्टिन ने विधिशास्त्र को सुस्पष्ट विधि का दर्शन क्यों एंव किसलिए कहा है, की व्याख्या की गई है, जिसमे सुस्पष्ट विधि का …
इस लेख में हम बात करेंगे साक्ष्य अधिनियम की धारा 32 (1) में वर्णित मृत्युकालिक कथन (Dying Declaration) की, जिसे भारतीय साक्ष्य अधिनियम के अध्याय 2 …
नमस्कार दोस्तों, इस लेख में सिविल प्रक्रिया संहिता के तहत प्राङ्न्याय का सिद्धान्त क्या है, प्राङ्न्याय के आवश्यक तत्त्वों एंव क्या प्राङ्न्याय का सिद्धान्त मध्यस्थ कार्यवाहियों एवं समझौता डिक्रियों पर लागू होता …
इस लेख में साक्ष्य अधिनियम की धारा 133 के तहत सह अपराधी कौन है? और उसकी साक्ष्य का क्या महत्व है? क्या न्यायालय सह अपराधी …
नमस्कार, इस आलेख में भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार अपराध के तत्व क्या है | भारतीय विधि में अपराध के तत्व | Elements Of Crime in Hindi | …
हेल्लो दोस्तों, इस आलेख में पूर्व सीआरपीसी की धारा 300 जो वर्तमान में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 337 के तहत दोहरे खतरे …
हेल्लो दोस्तों, इस लेख में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अन्तर्गत दण्ड न्यायालयों का वर्गीकरण तथा हर एक न्यायालय द्वारा किस सीमा तक दण्डादेश …
हेल्लो दोस्तों, इस लेख में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 438 के अन्तर्गत अग्रिम जमानत के बारे में क्या प्रावधान किये गये हैं? क्या …
स्वामित्व सम्पत्ति से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण अधिकार है जो एक न्यायिक संकल्पना है। रोमन विधि में स्वामित्व को किसी वस्तु पर पूर्ण अधिकार (absolute right) …
Hello friends, in this article the ancient judicial system of India. Hindu law prevalent in India before the arrival of the British. The Indian judicial system …