अपराध के तत्व क्या है जो एक अपराध का गठन करते है | Elements Of Crime in Hindi

नमस्कार, इस आलेख में भारतीय दण्ड संहिता के अनुसार अपराध के तत्व क्या है | भारतीय विधि में अपराध के तत्व  | Elements Of Crime in Hindi | आशय एवं हेतु में प्रमुख अन्तर क्या – क्या है? के बारें में बताया गया है, जो विधि के छात्रो व आमजन के लिए काफी महत्वपूर्ण है परिचय – अपराध के तत्व … Read more

दोहरे खतरे से संरक्षण का सिद्धान्त और इसके प्रमुख अपवाद | Double Jeopardy

हेल्लो दोस्तों, इस आलेख में पूर्व सीआरपीसी की धारा 300 जो वर्तमान में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 337 के तहत दोहरे खतरे से संरक्षण का सिद्धान्त और इसके प्रमुख अपवाद, दोहरे दंड से क्या अभिप्राय है | Double Jeopardy in hindi का उल्लेख किया गया है  उम्मीद है कि, यह लेख आपको … Read more

दण्ड न्यायालयों के वर्ग और उनकी शक्तियों की विवेचना | Sec. 6 of BNSS in Hindi

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के अन्तर्गत दण्ड न्यायालयों का वर्गीकरण तथा हर एक न्यायालय द्वारा किस सीमा तक दण्डादेश पारित किया जा सकता की विस्तृत विवेचना, BNSS Sec. 6 | Class of Criminal Courts and Their powers in hindi का उल्लेख किया गया है…. दण्ड न्यायालयों के वर्ग, उनकी शक्तियां … Read more

अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) क्या है? यह कब और कैसे मिलती है | CrPC in Hindi

हेल्लो दोस्तों, इस लेख में भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 438 के अन्तर्गत अग्रिम जमानत के बारे में क्या प्रावधान किये गये हैं? क्या हत्या के किसी मामले में अग्रिम जमानत ली जा सकती है? निर्णीत वादों के संदर्भ में उल्लेख किया गया है…. अग्रिम जमानत (Anticipatory Bail) परिचय – जमानत की कड़ियों में अग्रिम जमानत … Read more

स्वामित्व क्या है: परिभाषा, आवश्यक तत्व एंव लक्षण | ऑस्टिन की अवधारणा

स्वामित्व सम्पत्ति से जुड़ा एक महत्त्वपूर्ण अधिकार है जो एक न्यायिक संकल्पना है। रोमन विधि में स्वामित्व को किसी वस्तु पर पूर्ण अधिकार (absolute right) के रूप में बताया गया है। उनकी दृष्टि में स्वामित्व, कब्जे से अधिक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है, क्योंकि यह पूर्ण अधिकार का द्योतक है जबकि कब्जा केवल भौतिक नियंत्रण का … Read more

The ancient judicial system prevalent during the Hindu period in India before the arrival of the British

Hello friends, in this article the ancient judicial system of India. Hindu law prevalent in India before the arrival of the British. The Indian judicial system before the arrival of the British and the ancient judicial system of the Hindu period have been mentioned. Hope you will like this article – Introduction – Ancient judicial System Before … Read more

बार एवं बेंच से क्या अभिप्राय है? What is meant by Bar & Bench ?

बार एवं बेंच न्याय प्रशासन के दो महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इन दोनों को एक सिक्के के दो पहलू कहा जा सकता है या यों कहा जा सकता है कि इन दोनों में चोलीदामन का साथ है। बेंच यदि न्याय प्रदान करने का कार्य करती है तो बार उसमें सहायक बनती है। यही कारण है कि … Read more

अपराधशास्त्र की विचारधारा एंव इसके विभिन्न प्रकार | Ideology of Criminology

इस आलेख में अपराधशास्त्र की विचारधारा, यह कितने प्रकार की होती है तथा इसका विकास कैसे एंव किस प्रकार से हुआ है का विस्तृत वर्णन किया गया है, इस आलेख में अपराधशास्त्र की विचारधारा को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है- परिचय – अपराधशास्त्र की विचारधारा अपराधशास्त्र के विकास का प्रारम्भ सिसेर बकारिया … Read more

Definition, limitations of Delegated Legislation and main elements (reasons) of development in India – Administrative Law

In this article, what is Delegated Legislation under Administrative Law, its definition and limitations and discussion of the elements that contributed to the development of Delegated Legislation in India have been mentioned. If you are a lawyer, law student or preparing for judicial competitive examination, Then it is very important for you to know about … Read more

संक्षिप्त विचारण से आप क्या समझते है तथा इसकी प्रक्रिया को समझाइये | Sec. 260-265

हेल्लो दोस्तों,  इस आलेख में सीआरपीसी की धारा 260 से 265 के तहत संक्षिप्त विचारण क्या है एंव संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया (Procedure for summary trials) का उल्लेख किया गया है,  उम्मीद है कि, यह लेख आपको जरुर पसंद आएगा – संक्षिप्त विचारण क्या है | What is Summary Trial न्याय प्रशासन का यह सार्वभौम सिद्धान्त … Read more