बार एवं बेंच से क्या अभिप्राय है? What is meant by Bar & Bench ?

बार एवं बेंच न्याय प्रशासन के दो महत्त्वपूर्ण अंग हैं। इन दोनों को एक सिक्के के दो पहलू कहा जा सकता है या यों कहा जा सकता है कि इन दोनों में चोलीदामन का साथ है। बेंच यदि न्याय प्रदान करने का कार्य करती है तो बार उसमें सहायक बनती है। यही कारण है कि … Read more

अपराधशास्त्र की विचारधारा एंव इसके विभिन्न प्रकार | Ideology of Criminology

इस आलेख में अपराधशास्त्र की विचारधारा, यह कितने प्रकार की होती है तथा इसका विकास कैसे एंव किस प्रकार से हुआ है का विस्तृत वर्णन किया गया है, इस आलेख में अपराधशास्त्र की विचारधारा को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया गया है- परिचय – अपराधशास्त्र की विचारधारा अपराधशास्त्र के विकास का प्रारम्भ सिसेर बकारिया … Read more

अपराधी किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार के होते हैं? समझाइये। Who is a criminal

इस लेख में अपराधी किसे कहते है | कानून में अपराधी कोन होता है | अपराधियों का वर्गीकरण | अपराधी व्यक्ति कितने प्रकार के होते है | अपराधशास्त्रियों के अनुसार अपराधियों का वर्गीकरण, के बारे में बताया गया है| यदि आप वकील, विधि के छात्र या न्यायिक प्रतियोगी परीक्षा की  तैयारी कर रहे है, तब आपके … Read more

प्रत्यायोजित विधायन की परिभाषा, सीमाएं एंव भारत में विकास के मुख्य तत्व (कारण) – प्रशासनिक विधि

इस लेख में प्रशासनिक विधि के अधीन प्रत्यायोजित विधायन किसे कहते है, परिभाषा एंव इसकी सीमाएं और भारत में प्रत्यायोजित विधायन के विकास में सहयोगी तत्वों की विवेचना का उल्लेख किया गया है, यदि आप वकील, विधि के छात्र या न्यायिक प्रतियोगी परीक्षा की  तैयारी कर रहे है, तो ऐसे में आपको प्रत्यायोजित विधायन के … Read more

साक्ष्य क्या है, परिभाषा एंव साक्ष्य के प्रकार | Definition of evidence in Hindi

इस आलेख में हम ‘साक्ष्य’ की परिभाषा, अर्थ एंव उनके प्रकार के बारें में जानेगें जो न्याय निर्णयन का अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है| साक्ष्य क्या है, अधिनियम में इसकी परिभाषा क्या है, साक्ष्य विधि में मौखिक साक्ष्य एंव दस्तावेजी साक्ष्य क्यों महत्वपूर्ण है| इस लेख में साक्ष्य विधि को आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया … Read more

वारन्ट मामला एंव इसके विचारण की प्रक्रिया। BNSS 2023 Notes

इस आलेख में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 2(1)(य) में वारन्ट मामला एंव धारा 261 से 273 में वारन्ट मामला के विचारण की प्रक्रिया (Explain the process of trial of Warrant case) का उल्लेख किया गया है,  उम्मीद है कि, यह लेख आपको जरुर पसंद आएगा – जैसा की हम जानते है कि प्रकृति एवं … Read more

संक्षिप्त विचारण से आप क्या समझते है तथा इसकी प्रक्रिया को समझाइये | Sec. 260-265

हेल्लो दोस्तों,  इस आलेख में सीआरपीसी की धारा 260 से 265 के तहत संक्षिप्त विचारण क्या है एंव संक्षिप्त विचारण की प्रक्रिया (Procedure for summary trials) का उल्लेख किया गया है,  उम्मीद है कि, यह लेख आपको जरुर पसंद आएगा – संक्षिप्त विचारण क्या है | What is Summary Trial न्याय प्रशासन का यह सार्वभौम सिद्धान्त … Read more

लोकहित वाद से आप क्या समझते हैं ? लोकहित वाद का अर्थ, विस्तार एवं उद्देश्य की विस्तृत विवेचना

लोकहित वाद 20वीं सदी के अन्त की एक महत्त्वपूर्ण अवधारणा है। आमजन को सस्ता एवं शीघ्र न्याय उपलब्ध कराने तथा संविधान के अनुच्छेद 39क के उपबंधों को मूर्त रूप प्रदान करने का यह एक अनूठा मंच है। इस मंच के माध्यम से निर्धन एवं मध्यम वर्ग के व्यक्तियों की पीड़ा को दूर कर उन्हें जल्द … Read more

रेस जेस्टे का सिद्वान्त | Doctrine Of Res Gestae | Section 4 BSA 2023

इस आलेख में बीएसए की धारा 4 में वर्णित “तथ्य जो एक ही संव्यवहार के भाग है अथवा रेस जेस्टे का सिद्वान्त” के बारें में जानेगें जो साक्ष्य विधि का महत्वपूर्ण विषय है| इसके अलावा साक्ष्य विधि में रेस जेस्टे का सिद्वान्त के लाभ, ग्राह्रा तथ्य, तथ्यों की सुसंगति आदि को भी आसान शब्दों में … Read more

विशेषज्ञ कौन होता है और साक्ष्य विधि में उसकी राय कब सुसंगत होती है | Sec 45 Evidence act

इस लेख में हम बात करेंगे साक्ष्य अधिनियम की धारा 45 के तहत विशेषज्ञ कौन है और वे कौन से मामले है जिनके लिए विशेषज्ञों की राय न्यायालय द्वारा प्राप्त की जा सकती है? क्या ऐसी राय बाध्यकारी होती है? इसके साथ ही इस लेख में Expertकी राय क्या है और यह कब सुसंगत एंव ग्राह्य होती … Read more