दोस्तों आपका हमारे ब्लॉग पर स्वागत है, इस आलेख में मूट कोर्ट किसे कहते है और यह विधि के छात्रो के लिए कैसे उपयोगी है और इसका उद्देश्य क्या है को आसान शब्दों में बताया गया है, इसलिए इस आलेख को अंत तक जरुर पढ़े –

मूट कोर्ट – परिचय

कानून के छात्रों की शिक्षा और प्रशिक्षण में मूट कोर्ट एक उपयोगी तत्व है। यह एक काल्पनिक न्यायालय की कार्यवाही है जहाँ विधि के कुछ विद्यार्थी मिलकर न्यायालय चलाते हैं इसमें कुछ विद्यार्थी अधिवक्ता की, तो कुछ पक्षकारों, साक्षियों एवं न्यायिक अधिकारी की भूमिका निभाते हैं।

मूट कोर्ट मे छात्र अभ्यास के लिए काल्पनिक मामलों पर बहस करते हैं इस कारण मूट कोर्ट को एक काल्पनिक न्यायालय भी कहा जाता है। यह न्यायालय द्वारा निर्णित विनिर्दिष्ट वाद या कार्यवाही या परिवाद या इस प्रयोजन हेतु तैयार किये गये किसी भी काल्पनिक विषय पर एक प्रकार का वाद विवाद होता है|

वास्तविक अदालत के विपरीत, मूट कोर्ट (विवादास्पद अदालत) छात्रों में तथ्यात्मक साक्ष्य के बजाय कानूनी सिद्धांतों के आधार पर मामले के दोनों पक्षों पर बहस करने की क्षमता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करती है।

यह छात्रों को अदालत कक्ष जैसे वातावरण में अपने कौशल को निखारने, मौखिक और लिखित वकालत का अभ्यास करने के लिए एक स्वतंत्र मंच प्रदान करता है।

जाने – कानून के अन्तर्गत अधिवक्ता के निषिद्ध कार्य | Prohibited work for advocates

मूट कोर्ट क्या है?

विधिक व्यवसाय (Advocacy) के लिए विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त करना ही आवश्यक नहीं है बल्कि विधि व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने के लिए एक अधिवक्ता में निम्नलिखित गुण होने जरुरी है –

(i) वकालत की कला को जानता है

(ii) विधियों का पर्याप्त ज्ञान रखता है

(iii) अभिवचनों का प्रारूप तैयार करने में पारंगत है

(iv) वाक पटु है एंव तर्क शक्ति रखता है

(v) प्रस्तुतीकरण एवं बहस करने में सक्षम है तथा

(vi) न्यायालय की गरिमा के अनुकूल आचरण करने में विश्वास रखता है।

नये अधिवक्ता अथवा विधि के विद्यार्थी में यह सभी गुण एक साथ नहीं आ सकते।, इसके लिए सतत् अभ्यास आवश्यक है और इसी अभ्यास का एक माध्यम है – “मूट कोर्ट” (Moot Court)।

मूट कोर्ट एक नकली अदालती कार्यवाही है जहां कानून के छात्र नकली अदालत की सुनवाई में भाग लेते हैं, जिसमें आमतौर पर अपीलीय या मध्यस्थता के मामले शामिल होते हैं। इन कार्यवाहियों में आम तौर पर संक्षिप्त विवरण या काल्पनिक वाद-विवाद तैयार करना और मौखिक तर्क प्रस्तुत करना होता है।

मूट कोर्ट के माध्यम से विधि के विद्यार्थियों को न्यायालय में वकालत करने की कला का अभ्यास कराया जाता है। इसमें विधि के कुछ विद्यार्थी मिलकर काल्पनिक न्यायालय चलाते हैं। कुछ विद्यार्थी अधिवक्ता की भूमिका निभाते हैं तो कुछ पक्षकारों, साक्षियों एवं न्यायिक अधिकारी की।

मूट कोर्ट, विधि का अध्ययन करने वाले छात्रो की उन गतिविधियों में से एक है, जहाँ छात्रो को वास्तविक जीवन में होने वाली अदालती कार्यवाही से परिचय कराया जाता है|

मूट कोर्ट का आयोजन सामान्यतः विधि महाविद्यालयों में ही किया जाता है तथा विधि महाविद्यालयों द्वारा छात्रो का वास्तविक न्यायालयों में भ्रमण भी करवाया जाता है ताकि वहाँ की न्यायिक कार्यवाहियों का अवलोकन कर छात्र उन्हें समझ सके।

जाने – संविदा क्या है? परिभाषा एंव एक वैध संविदा के आवश्यक तत्व क्या है ?

विधि के छात्रो को मूट कोर्ट (Moot Court) में निम्नलिखित बातों का अभ्यास कराया जाता है –

(i) न्यायालय में अभिवचन (pleadings) कैसे प्रस्तुत किये जाने चाहिये?

(ii) अभिवचन के प्रारूप किस प्रकार तैयार किये जाने चाहिये?

(iii) कार्यवाहियों के दौरान कौन-कौन से अन्तरिम आवेदन पत्र प्रस्तुत किये जा सकते है?

(iv) पक्षकारों एंव साथी अधिवक्ता से बहस किस प्रकार की जानी चाहिये?

(v) मुख्य परीक्षा एवं प्रति-परीक्षा (examination-in-chief & cross exmination) किस प्रकार की जानी चाहिये?

(vi) पक्षकारों एवं साक्षियों से कैसा आचरण किया जाना चाहिये?

(vii) न्यायालय को किस प्रकार सम्बोधित (address) किया जाना चाहिये?

(viii) न्यायालय की गरिमा किस प्रकार रखी जानी चाहिये? आदि।

इस प्रकार मूट कोर्ट विधि के विद्यार्थियों को सफल अधिवक्ता बनाने का एक विलक्षण मंच है।

जाने – राज्य की उत्पत्ति के विभिन्न सिद्धांत कौन-कौन से हैं? Theory Of Origin Of The State 

मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं

मूट कोर्ट प्रतियोगिताएं आम तौर पर विधि महाविद्यालयों या कानूनी संस्थानों द्वारा आयोजित की जाती हैं जिसमें याचिकाकर्ता-अभियुक्त अथवा वादी-प्रतिवादी के आधार पर छात्रों के समूह बनाये जाते है, जो अपने-अपने पक्ष का प्रतिनिधित्व करते है|

मूट कोर्ट प्रतियोगिता में छात्रों का समूह न्यायाधीशों के एक पैनल के समक्ष बहस करते हैं, जिसमें आमतौर पर कानून के प्रोफेसर, अभ्यास करने वाले वकील या न्यायाधीश शामिल होते हैं।

मूट कोर्ट प्रतियोगिता में न्यायाधीश प्रतिभागियों का मूल्यांकन उनके कानूनी तर्कों, कानून के ज्ञान, प्रस्तुति कौशल और प्रश्नों को संभालने की क्षमता के आधार पर करते हैं।

विधि छात्रों के लिए मूट कोर्ट की उपयोगिता –

उपरोक्त विवेचन से मूट कोर्ट की उपयोगिता स्वतः सिद्ध हो जाती है। विधि के विद्यार्थियों के लिए मूट कोर्ट की उपयोगिता निम्नांकित कारणों से है –

(i) कानूनी अनुसंधान और लेखन कौशल को बढ़ाना –

किसी विवादास्पद अदालत में भाग लेने के लिए मामले के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक कानूनी शोध की आवश्यकता होती है। छात्रों को सम्मोहक तर्क तैयार करने के लिए प्रासंगिक कानूनों, मिसालों और कानूनी सिद्धांतों को समझने की जरूरत है।

इसके अलावा मूट कोर्ट, छात्रो को उनके कानूनी लेखन कौशल में सुधार करते हुए स्पष्ट, संक्षिप्त और प्रेरक कानूनी संक्षिप्त जानकारी या स्मारक का मसौदा तैयार करने में सहायता करता है।

(ii) मौखिक वकालत कौशल विकसित करना –

मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं से छात्रों को प्रेरक और आत्मविश्वास से तर्क प्रस्तुत करने का अभ्यास करने में मदद मिलती है। छात्र अपनी बातों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करना, दबाव में संयम बनाए रखना और न्यायाधीशों के सवालों का जवाब देते समय खड़े होकर सोचना सीखते हैं। ये अनुभव छात्रो की वास्तविक जीवन की अदालती स्थितियों की तैयारी में अमूल्य साबित होते हैं।

(iii) आलोचनात्मक सोच और विश्लेषणात्मक कौशल में सुधार होना –

मूट कोर्ट में भाग लेने वाले कानून के छात्र जटिल कानूनी समस्याओं का विश्लेषण करना, मुख्य मुद्दों की पहचान करना और तार्किक, सुसंगत तर्क विकसित करना सीखते हैं।

मूट कोर्ट के माध्यम से उन्हें किसी मामले के दोनों पक्षों का मूल्यांकन करने और प्रतिवादों का अनुमान लगाने, कानूनी अवधारणाओं और विभिन्न संदर्भों में कानून के अनुप्रयोग की गहरी समझ को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।

(iv) आत्मविश्वास और सार्वजनिक बोलने की क्षमता बनाना –

मूट कोर्ट, साधारणत: प्रतिस्पर्धी माहौल में न्यायाधीशों के पैनल के समक्ष बहस करने तथा सार्वजनिक स्थानों में बोलने में आत्मविश्वास पैदा करने में मदद करता है। विधि के छात्र पक्षकारों या साक्षियों के सामने तर्क प्रस्तुत करने, रुकावटों से निपटने और तनावपूर्ण स्थितियों में संतुलन बनाए रखने में सहज हो जाते हैं – ये कौशल किसी भी कानूनी पेशेवर के लिए आवश्यक हैं।

(v) टीम वर्क और सहयोग को प्रोत्साहित करना –

मूट कोर्ट प्रतियोगिताओं में आमतौर पर छात्रों को टीमों में काम करने की आवश्यकता होती है, जो सहयोग, संचार और कार्यों के विभाजन को बढ़ावा देता है।

मूट कोर्ट से छात्र एक-दूसरे की ताकत पर भरोसा करना, रचनात्मक प्रतिक्रिया देना और एकजुट और प्रभावी मामला पेश करने के लिए मतभेदों को प्रबंधित करना सीखते हैं। ये कौशल कानूनी अभ्यास में महत्वपूर्ण हैं, जहां टीम वर्क अक्सर आवश्यक होता है।

(vi) नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करना –

मूट कोर्ट में भाग लेने से कानून के छात्रों को कानूनी पेशेवरों, न्यायाधीशों और अन्य संस्थानों के साथियों से जुड़ने की अनुमति मिलती है। ये इंटरैक्शन मूल्यवान नेटवर्किंग अवसर प्रदान करते हैं, जिससे संभावित रूप से मेंटरशिप, इंटर्नशिप और भविष्य में नौकरी के अवसर मिलते हैं।

मूट कोर्ट में मजबूत प्रदर्शन के लिए पहचाने जाने से कानूनी समुदाय के भीतर एक छात्र की प्रतिष्ठा बढ़ जाती है।

(vii) वास्तविक दुनिया के कानूनी अभ्यास के लिए तैयारी –

मूट कोर्ट सैद्धांतिक कानूनी शिक्षा और व्यावहारिक कानूनी अभ्यास के बीच अंतर को मिटाता है। मूट कोर्ट छात्रों को यह समझने में मदद करता हैं कि, कानूनी सिद्धांत वास्तविक दुनिया के परिदृश्यों में कैसे लागू होते हैं, जिससे कानून की अधिक व्यापक समझ मिलती है।

यह व्यावहारिक अनुभव छात्रों को आत्मविश्वास के साथ कानूनी पेशे में प्रवेश करने के लिए तैयार करने के लिए महत्वपूर्ण है।

इसी प्रकार से मूट कोर्ट के और भी अनेक फायदे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में यह कहना सही होगा कि विधि व्यवसाय का स्तर दिन-प्रतिदिन गिरता जा रहा है।

(i) मूट कोर्ट का आयोजन किसी निर्णीत मामले के विषय में किया जाता है जिससे विद्यार्थी उस मामले के तथ्यों, निर्णय आदि से भली भाँति अवगत हो जाते हैं;

(ii) विधि के विद्यार्थी इस बात से अवगत हो जाते हैं कि किसी मामले के विचारण के दौरान –

(क) कौन-कौन से प्रश्न उठ सकते हैं ?

(ख) कौन-कौन सी विवादास्पद परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं?

(ग) उनका निराकरण कैसे किया जा सकता है ?

(घ) न्यायालय का समाधान कैसे कराया जा सकता है आदि ?

(iii) साक्षियों की मुख्य परीक्षा एवं प्रति परीक्षा की कला एवं तकनीक समझ जाते।

(iv) न्यायिक प्रक्रिया का समुचित ज्ञान हो जाता है;

(v) कई बार मूट कोर्ट का आयोजन वास्तविक न्यायिक अधिकारी के समक्ष किया जाता है जिससे वह प्रक्रिया सम्बन्धी त्रुटियों से विद्यार्थियों को अवगत कराता रहता है; तथा

(vi) मूट कोर्ट के आयोजन से विद्यार्थियों की हिचक दूर हो जाती है और उनमें निर्भीकता से वकालत करने का साहस आ जाता है।

अभय प्रकाश सहाय बनाम उच्च न्यायालय, पटना के मामले में पटना उच्च न्यायालय ने विधि व्यवसाय के गिरते स्तर पर गहरी चिन्ता व्यक्त की तथा इसके निम्नांकित कारण बताये हैं –

(i) अच्छे विधि व्यवसायी तैयार करने वाले विद्यार्थियों एवं महाविद्यालयों का अभाव,

(ii) उच्च शिक्षित एवं प्रशिक्षित अध्यापकों की कमी,

(iii) विधि परीक्षाओं का समय पर नहीं होना,

(iv) परीक्षाओं में अनुचित साधनों (unfair means) का प्रयोग किया जाना,

(v) अच्छे स्तर की विधि-पुस्तकों का अभाव आदि।

माननीय न्यायालय ने कहा कि विधि व्यवसाय के गिरते स्तर को रोकने के लिए प्रशिक्षण के साथ-साथ विधि शिक्षा में परिवर्तन लाना होगा। अच्छे विधि विद्यालयों एवं महाविद्यालयों की स्थापना करनी होगी तथा अच्छे शिक्षाविद् एवं न्यायविद् जुटाने होंगे।

मूट कोर्ट इस लक्ष्य को पूरा करने में सहायक बनती है, मूट कोर्ट से विधि के विद्यार्थियों को यह ज्ञान हो जाता है कि –

(क) वकालत में लापरवाही बरतने पर उनके विरुद्ध उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अधीन कार्यवाही की जा सकती है,

(ख) व्यावसायिक कदाचार (professional misconduct) का दोषी पाये जाने पर उनकी मदद को निरस्त अथवा निलम्बित किया जा सकता है,

(ग) न्यायालय का अवमान (contempt of court) किये जाने पर उन्हें दण्डित किया जा सकता है,

(घ) अधिवक्ता द्वारा वकालत के साथ अन्य कोई व्यवसाय नहीं किया जा सकता है,

उपरोक्त विवेचन से यह स्पष्ट हो जाता है कि आज मूट कोर्ट की उपयोगिता दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। यह विधि-शिक्षा का एक आवश्यक अंग बन गया है।

निष्कर्ष

मूट कोर्ट कानून के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रशिक्षण मंच के रूप में कार्य करता है, जो अकादमिक शिक्षा से परे कई लाभ प्रदान करता है।

यह कानूनी अनुसंधान, लेखन और वकालत कौशल को बढ़ाता है, आलोचनात्मक सोच और विश्लेषण को बढ़ावा देता है, आत्मविश्वास पैदा करता है, टीम वर्क को प्रोत्साहित करता है और नेटवर्किंग के अवसर प्रदान करता है।

मूट कोर्ट गतिविधियों में भाग लेकर, कानून के छात्र खुद को कानूनी अभ्यास की वास्तविकताओं के लिए तैयार कर सकते हैं, जिससे यह उनकी शिक्षा और व्यावसायिक विकास का एक अनिवार्य हिस्सा बन सकता है।

महत्वपूर्ण आलेख

न्याय प्रशासन मै अधिवक्ता की क्या भूमिका है? अधिवक्ताओं के अधिकार | विधि व्यवसाय

वक्फ क्या है? परिभाषा, उद्देश्य, आवश्यक तत्व एंव वक्फ कैसे निर्मित किया जा सकता है? मुस्लिम विधि

अभिवचन किसे कहते है, इसके प्रकार एंव मुख्य उद्देश्य बताइये | लॉ नोट्स